
छत्तीसगढ़ के कबीरधाम जिले में ब्लॉक पंडरिया अंतर्गत सुंदूर वनाँचल के ग्राम छिंदीडीह में आजादी के 75 -76 साल के बात भी बिजली नहीं पहुंची है।
कवर्धा पंडरिया ग्राम छिंदीडीह रहने वाले ग्रामीण 1500 विशेष पिछली जनजाति बैगा आदिवासी एवं गोंड आदिवासी को अंधेरे में जीवन यापन कर जीना पड़ रहा है । कई पीढ़ीया गुजर गई लेकिन ग्राम पंचायत छिंदीडीह में रहते हुए ग्रामीणों का आज तक कोई बिजली की समस्या का निवारण नहीं हो सका आसपास के सभी गांव को बिजली कनेक्शन से जोड़ा गया है लेकिन ग्राम पंचायत के आश्रित गांव और उनके निवास को छोड़कर अन्य गांवों में बिजली को जोड़ा गया बिजली नहीं होने के कारण उन्हें जीवन यापन करने में बहुत ही परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है बिना बिजली की खेती नहीं हो पाती ,ना ही कोई दैनिक कार्य जिससे बिजली की आवश्यकता पड़ती है वह नहीं हो पाती रात के अंधेरे में खाना बनाना पड़ता है अंधेरे में सांप बिच्छू कीड़े मकोड़े जानवरों का डर घने जंगल के बीच रास्तों और अंधियारो घरों में लगा ही रहता है बिना बिजली की जिंदगी निराशा लगती है पढ़ाई भी नहीं कर पाते बच्चे अंधेरे की वजह से छोड़ देते हैं अपना उम्मीद की पढ़ाई ।

ग्रामीणों शासन प्रशासन से गुहार लगा कर उन्होंने आवेदन में अपनी समस्या को दर्शाते हुए विधायक, सांसद, कलेक्टर ,और उनके छोटे स्तर से पदाधिकारी लोगों को जहां तक आवेदन पहुंच चुके हैं पर कोई सुनवाई ही नहीं हुई है । ग्रामीण मदद की गुहार लगा रहे है। की हमे भी अच्छी जीवन यापन करने का अधिकार है।

देखे वीडियो की किस तरह पढ़ाई करते है।और खाना बनाते है।


