
कवर्धा पंडरिया:- कुकदुर, एकीकृत बाल विकास परियोजना (आई.सी.डी.एस) कुकदूर के अंतर्गत सेक्टर नेऊर की सभी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को कारण बताओ नोटिस जारी किए जाने से क्षेत्र में हड़कंप मच गया है। नोटिस में आरोप लगाया गया है कि कार्यकर्ताओं द्वारा महतारी वंदन योजना, डीबीटी इनेबल, एफ.आर.एस., ई-केवाईसी और पोषण ट्रैकर में सेल्फ आधार एंट्री संतोषजनक ढंग से नहीं की गई है, जिसके कारण परियोजना की छवि धूमिल हो रही है।

हालांकि, जमीनी हकीकत इससे काफी भिन्न नजर आती है। प्राप्त जानकारी के अनुसार, अधिकांश कार्यकर्ता तकनीकी प्रक्रियाओं, जैसे पोषण ट्रैकर में एंट्री और ई-केवाईसी, को ठीक से करने में सक्षम हैं, लेकिन नेटवर्क, तकनीकी संसाधनों की कमी और उचित मार्गदर्शन के अभाव में कार्यों में देरी हो रही है।
“सिर्फ एक-दो कार्यकर्ता गड़बड़ी कर रहे हैं, सभी नहीं”
कार्यकर्ताओं का कहना है कि यदि कुछ लोगों से त्रुटि हुई है, तो सभी को एक ही तराजू में तौलना अन्यायपूर्ण है। “हममें से कई लोग तकनीकी रूप से सक्षम हैं और समय पर कार्य कर रहे हैं, लेकिन जब कोई समस्या आती है, तो सहयोग देने के बजाय पर्यवेक्षक महज नोटिस देकर अपने कर्तव्यों की इतिश्री समझ लेती हैं,” एक आंगनबाड़ी कार्यकर्ता ने नाम न छापने की शर्त पर बताया।
“सहयोग नहीं, सिर्फ़ दबाव”
परियोजना क्षेत्र में कार्यरत कुछ कार्यकर्ताओं ने यह भी आरोप लगाया कि पर्यवेक्षक द्वारा सहयोग की अपेक्षा केवल दवाब बनाने का रवैया अपनाया जा रहा है। उनकी मनमानी कार्यशैली के कारण न केवल कर्मचारियों में असंतोष है बल्कि इससे कार्य की गुणवत्ता भी प्रभावित हो रही है।
तकनीकी प्रशिक्षण की कमी और संसाधनों का अभाव
यह भी सामने आया है कि कई आंगनबाड़ी केंद्रों में अब भी स्मार्टफोन, इंटरनेट कनेक्टिविटी, या आवश्यक प्रशिक्षण की व्यवस्था नहीं हो पाई है। ऐसे में डिजिटल कार्यों को समयबद्ध ढंग से पूरा कर पाना चुनौती बन गया है। कुछ आंगनवाड़ी केंद्रों में नेटवर्क की समस्या भी बनी हुई हैं।
सहयोगात्मक वातावरण बने
आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को जारी नोटिस सहित पूरे मामले की निष्पक्ष जांच कराई जाए और जिम्मेदार अधिकारी या पर्यवेक्षक पर भी कार्यवाही हो, जो अपनी भूमिका निभाने के बजाय कर्मचारियों को नोटिस थमा रहे हैं।